ATS ने तैयार की 71 संदिग्धों की लिस्ट, आतंकियों से लिंक की आशंका

झारखंड में आतंकवाद से निपटने की योजना के तहत झारखंड एटीएस ने राज्य के 71 संदिग्धों का डाटा तैयार किया है. इन संदिग्धों पर अलकायदा इन द इंडियन सब कांटिनेंट, सिमी, इंडियन मुजाहिदीन, जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े होने का शक है.
इन नामों के सत्यापन के लिए एटीएस अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी, पश्चिम बंगाल एटीएस, एसटीएफ मध्य प्रदेश, एटीएस उत्तर प्रदेश, एटीएस ओडिशा, एटीएस बिहार, एटीएस तेलंगाना और  इंटेलिजेंस ब्यूरो, विशेष शाखा सहित कई अन्य जांच संगठनों से संपर्क कर रही है.
राज्य में एटीएस को और मजबूती देने पर हो रहा है काम
आतंकी हमलों से निपटने और उसे समय से पहले रोकने के लिए कवायद भी शुरू हो गयी है. इसके लिए एटीएस के जवानों को नेशनल सिक्योरिटी गा‌र्ड्स के कमांडो के साथ संयुक्त अभ्यास करवाया जाएगा, जिसका प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है. प्रस्‍ताव में कहा गया है कि झारखंड एटीएस के जवान और अधिकारी एनएसजी कमांडो और एनएसजी अधिकारियों के साथ मिलकर संयुक्त अभ्यास करेंगे.
साथ ही एनएसजी के रीजनल हब कोलकाता के साथ मिलकर रांची शहर के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों में एटीएस की टीम ज्वाइंट इंटरवेंशन एक्सरसाइज करेगी. एटीएस को और प्रभावी बनाने के लिए साहिबगंज के बरहरवा में एटीएस का क्षेत्रीय कार्यालय भी खोला जा रहा है.
नार्को टेरर फंडिंग पर विशेष ध्यान
आतंकी संगठनों के आय के मुख्य स्रोत नार्को टेरर फंडिंग पर सुरक्षा एजेंसियों का विशेष ध्यान है. इसके अलावा झारखंड से सटे पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्र में सोने की तस्करी, जाली नोट, कट्टरपंथी इस्लामिक विचारधारा के फैलाव भी सुरक्षा एजेंसियों के लिए परेशानी का सबब बन चूका है. गौरतलब है कि रांची शहर से देश में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने वाले कई कुख्यात आतंकवादियों को सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार किया था, जिनमें पटना के गांधी मैदान और बोधगया ब्लास्ट को अंजाम देने वाले आतंकी भी शामिल थे.

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